आयुष्मान राजस्थान को साकार करने के लिए चिकित्सा तंत्र को मजबूत बनाएं: प्रमुख शासन सचिव श्रीमती गायत्री राठौड़

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख शासन सचिव, श्रीमती गायत्री राठौड़ ने कहा कि राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है आमजन को बेहतर और सुलभ स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना। उन्होंने अधिकारियों से आयुष्मान राजस्थान के संकल्प को साकार करने के लिए टीम भावना और प्रो-एक्टिव अप्रोच के साथ काम करने का आग्रह किया।

शनिवार को विभाग की समीक्षा बैठक में उन्होंने कहा कि राज्य के सभी चिकित्सा संस्थानों में दवा, जांच, और उपचार सेवाओं को और बेहतर बनाने के लिए तकनीकी नवाचारों का प्रयोग किया जाए। साथ ही, सभी अनुभागों के बीच उचित समन्वय बनाए रखा जाए।

बजट घोषणाओं के लिए एक्शन प्लान

श्रीमती राठौड़ ने बजट घोषणाओं को समय पर पूरा करने के लिए एक प्रभावी एक्शन प्लान तैयार करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि प्रत्येक घोषणा के लिए एक निश्चित टाइमलाइन होनी चाहिए और उसके अनुसार योजना को अंजाम दिया जाए।

भर्ती प्रक्रियाओं को तेज करें

स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए मानव संसाधन की आवश्यकता को देखते हुए उन्होंने कहा कि भर्ती प्रक्रियाओं को गति दी जाए, ताकि रिक्त पदों को भरकर गुणवत्ता सेवाएं प्रदान की जा सकें और युवाओं को रोजगार के अवसर मिल सकें।

निवेश प्रोत्साहन

श्रीमती राठौड़ ने चिकित्सा क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने के लिए जल्द कदम उठाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि राइजिंग राजस्थान समिट के लिए मेडिकल वैल्यू ट्रैवल पॉलिसी को जल्द अंतिम रूप दिया जाए।

दवा आपूर्ति की रियल टाइम मॉनिटरिंग

मुख्यमंत्री निशुल्क दवा योजना की समीक्षा करते हुए उन्होंने दवा आपूर्ति तंत्र की रियल टाइम मॉनिटरिंग सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। साथ ही, दवा खरीद और आपूर्ति को गाइडलाइन्स के अनुसार करने पर जोर दिया।

आयुष्मान आरोग्य योजना का प्रचार-प्रसार

उन्होंने आयुष्मान आरोग्य योजना को जन-जन तक पहुंचाने और अस्पताल एंपेनलमेंट के नियमों को सरल बनाने पर बल दिया। योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

कंपोजिट रैंकिंग सिस्टम

विभाग की योजनाओं की बेहतर मॉनिटरिंग के लिए उन्होंने एक कंपोजिट रैंकिंग सिस्टम विकसित करने का सुझाव दिया, जिसमें विभिन्न मापदंडों के आधार पर जिलों की रैंकिंग की जाएगी।

मौसमी बीमारियों से बचाव

श्रीमती राठौड़ ने मौसमी बीमारियों के प्रसार को रोकने के लिए समुचित तैयारियों की आवश्यकता पर बल दिया और अस्पतालों में दवा, जांच और उपचार की सुविधाएं सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।

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