Mpox Guidelines AIIMS: हाल ही में मंकीपॉक्स (Mpox) के बढ़ते मामलों को देखते हुए, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS), दिल्ली ने संदिग्ध मंकीपॉक्स मामलों के इलाज के लिए विशेष गाइडलाइंस जारी की हैं। इन गाइडलाइंस का उद्देश्य इस वायरस के प्रसार को रोकने और मरीजों को सही समय पर इलाज प्रदान करना है।
Mpox Guidelines के मुख्य बिंदु:
1. मरीज की पहचान और प्राथमिक जांच – यदि किसी मरीज में बुखार, रैश, या मंकीपॉक्स के संपर्क में आने का इतिहास है, तो उसे तुरंत प्राथमिक जांच के लिए चिन्हित किया जाएगा। डॉक्टरों को विशेष रूप से बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, पीठ दर्द, सूजन, थकावट और त्वचा पर विशेष प्रकार के घावों की पहचान करने की सलाह दी गई है।
2. तुरंत आइसोलेशन की व्यवस्था – संदिग्ध मरीज को तुरंत एक अलग क्षेत्र में रखा जाएगा ताकि अन्य मरीजों और स्टाफ के साथ संपर्क को कम किया जा सके। AIIMS ने इसके लिए AB-7 वार्ड के बेड नंबर 33, 34, 35 और 36 को मंकीपॉक्स मरीजों के लिए आरक्षित किया है।
3. विशेष चिकित्सा व्यवस्थाइन -बेड्स पर भर्ती मंकीपॉक्स मरीजों का इलाज मेडिसिन विभाग द्वारा किया जाएगा। यह इलाज मुख्य चिकित्सा अधिकारी की सिफारिश पर ही होगा।
4. रिपोर्टिंग की प्रक्रिया जैसे ही किसी संदिग्ध मंकीपॉक्स मरीज की पहचान होती है, तो इसकी सूचना तुरंत इंटीग्रेटेड डिजीज सर्विलांस प्रोग्राम (IDSP) को दी जानी चाहिए। IDSP टीम को मरीज के सम्पर्क विवरण, चिकित्सा इतिहास, और अन्य जानकारी प्रदान की जाएगी।
5. सफदरजंग अस्पताल को रेफरलAIIMS ने स्पष्ट किया है कि सभी संदिग्ध मंकीपॉक्स मरीजों को आगे की जांच और इलाज के लिए सफदरजंग अस्पताल रेफर किया जाएगा। AIIMS ने इसके लिए एक विशेष एम्बुलेंस की भी व्यवस्था की है, जिससे मरीज को सुरक्षित तरीके से सफदरजंग अस्पताल भेजा जाएगा।
6. संक्रमण नियंत्रण के सख्त उपाय सभी मरीजों को अत्यधिक सावधानी के साथ संभालने के निर्देश दिए गए हैं। स्टाफ को व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (PPE) का उपयोग करने की सलाह दी गई है, ताकि संक्रमण के प्रसार को रोका जा सके। साथ ही, मरीज के सभी दस्तावेजों, लक्षणों और रेफरल प्रक्रिया की पूरी जानकारी दर्ज की जाएगी।