Cactus Botanical Garden Udaipur: 80 से अधिक प्रजातियों के कैक्टस के साथ बॉटनिकल गार्डन का हुआ शुभारंभ! जिसे झीलों की नगरी के नाम से जाना जाता है, अब अपने पर्यावरण संरक्षण और इको-टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए एक और महत्वपूर्ण पहल का साक्षी बन गया है। शुक्रवार को साराड़ा वन रेंज के केवड़ा की नाल में बॉटनिकल गार्डन के अंतर्गत कैक्टस गार्डन का उद्घाटन लोकसभा सांसद डॉ. मन्नालाल रावत के मुख्य आतिथ्य में हुआ। यह गार्डन 80 से अधिक प्रजातियों के कैक्टस के साथ राज्य की जैव विविधता को संरक्षित करने और स्थानीय जनजातियों को पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक करने का एक अनूठा प्रयास है।
Cactus Botanical Garden Udaipur का हुआ शुभारंभ!
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सांसद डॉ. रावत ने बताया कि यह गार्डन अरावली की जैव विविधता को बचाने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है। यहां पर स्थानीय जनजातियों को जोड़कर पर्यावरण संरक्षण के प्रयास किए जा रहे हैं, जिसमें उनके गौत्र के पेड़ लगाए जा रहे हैं। यह पहल स्थानीय पेड़ों की प्रजातियों को संरक्षित करने और ग्रामीणों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करने के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।
Cactus Botanical Garden Udaipur का विकास
उप वन संरक्षक मुकेश सैनी ने बताया कि इस बॉटनिकल गार्डन को 70 हेक्टेयर के क्षेत्र में विकसित किया गया है। इस गार्डन में दीवार निर्माण, वाच टावर, ट्रेल, चौकडेम, केक्टस गार्डन, और पाथवे का निर्माण किया गया है। यहां पर 150 प्रजातियों के वृक्ष, 55 प्रजातियों की झाड़ियां, 60 प्रजातियों की हर्ब, और 40 प्रजातियों की लताएँ लगाई गई हैं। साथ ही, 12 प्रजातियों के मोटे अनाज (मिलेट्स) के पौधे भी लगाए गए हैं। हर पेड़ की पहचान के लिए साइन बोर्ड लगाए गए हैं, जिन पर क्यूआर कोड दिया गया है। इस कोड को स्कैन करके पेड़ की प्रजाति से संबंधित जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
Cactus Botanical Garden Udaipur का महत्व
कैक्टस गार्डन में 80 से अधिक प्रजातियों के कैक्टस लगाए गए हैं, जो न केवल शोधार्थियों और विद्यार्थियों के लिए उपयोगी साबित होंगे, बल्कि पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बनेंगे। यह गार्डन उन प्रजातियों को संरक्षित करने का एक प्रयास है जो अरावली के वन क्षेत्र से विलुप्त होती जा रही हैं।