कस्टम हायरिंग सेंटर योजना 2025: किसानों को ₹4 लाख सब्सिडी

By Suman

Published on:

कस्टम हायरिंग सेंटर योजना 2025

बिहार सरकार ने किसानों की खेती को आधुनिक और किफायती बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल की है। अब राज्य के प्रत्येक पंचायत में कस्टम हायरिंग सेंटर (CHC) की स्थापना की जाएगी, जिससे छोटे और सीमांत किसान भी ट्रैक्टर चालित या स्वचालित कृषि यंत्र किराए पर लेकर अपनी खेती को उन्नत बना सकेंगे। कस्टम हायरिंग सेंटर योजना के तहत किसानों को अधिकतम ₹4 लाख तक का अनुदान मिलेगा, जिससे वे बिना भारी निवेश के आधुनिक यंत्रों का लाभ उठा सकेंगे।

कस्टम हायरिंग सेंटर योजना से अधिकतम ₹4 लाख का अनुदान

कस्टम हायरिंग सेंटर की स्थापना के लिए कुल लागत ₹10 लाख निर्धारित की गई है, जिसमें से 40% या अधिकतम ₹4 लाख का अनुदान सरकार द्वारा प्रदान किया जाएगा। इन सेंटरों के माध्यम से किसान जुताई, बुआई, रोपाई, हार्वेस्टिंग और थ्रेसिंग जैसे कार्यों के लिए आवश्यक यंत्र किराए पर ले सकेंगे, जिससे उनकी खेती की लागत कम होगी और उत्पादकता में वृद्धि होगी।

कस्टम हायरिंग सेंटर योजना का लाभ उठाने के लिए राज्य के प्रगतिशील कृषक, जीविका समूह, ग्राम संगठन, क्लस्टर फेडरेशन, आत्मा से संबद्ध फार्मर इंटरेस्ट ग्रुप, नाबार्ड या राष्ट्रीयकृत बैंकों से संबद्ध किसान क्लब, किसान उत्पादक संगठन (FPO), किसान उत्पादक कंपनी, स्वयं सहायता समूह (SHG) और पैक्स पात्र हैं। आवेदन प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाने के लिए ऑनलाइन पोर्टल की सुविधा उपलब्ध कराई गई है, जिससे किसान आसानी से आवेदन कर सकते हैं।

267 कस्टम हायरिंग सेंटर बनेगे

अब तक राज्य में 950 कस्टम हायरिंग सेंटर स्थापित किए जा चुके हैं, और वित्तीय वर्ष 2025-26 में 267 नए सेंटर स्थापित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इस योजना से न केवल किसानों को आधुनिक यंत्रों की सुविधा मिलेगी, बल्कि उनकी आय में भी वृद्धि होगी और कृषि क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा मिलेगा।

यदि आप भी कस्टम हायरिंग सेंटर योजना का लाभ उठाना चाहते हैं, तो आज ही आवेदन करें और अपनी खेती को आधुनिक बनाएं। अधिक जानकारी और आवेदन के लिए बिहार कृषि विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।