Cyber Fraud का बढ़ता जाल
आज के डिजिटल युग में, साइबर क्राइम के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। भोले-भाले लोगों को शिकार बनाकर अपराधी बड़े-बड़े घोटाले कर रहे हैं। हाल ही में, दिल्ली से टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) के पूर्व कर्मचारी और बीटेक ग्रेजुएट अंकित जैन को गिरफ्तार किया गया। इस गिरफ्तारी ने महादेव सट्टेबाजी स्कैम से जुड़े एक बड़े साइबर फ्रॉड का पर्दाफाश किया है।
Cyber Fraud को कैसे देते थे अंजाम?
हिन्दुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, अंकित जैन और उसके साथी देवेन्द्र कुमार यादव और शंकर सुवन शुक्ला ने रिक्शा चालक, स्मॉल वेंडर और मजदूर वर्ग के अन्य लोगों को 10,000 रुपये प्रति माह कमाने का झांसा देकर बैंक अकाउंट खुलवाए। एक बार बैंक अकाउंट खुल जाने के बाद, ये अपराधी संबंधित बैंक अकाउंट के एटीएम कार्ड, सिम कार्ड और चेक बुक इकट्ठा कर लेते थे। इनका इस्तेमाल Cyber Fraud एक्टिविटी के लिए किया जाता था, जिससे बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी की जाती थी।
महादेव सट्टेबाजी स्कैम से कनेक्शन
अंकित जैन ने 2023 में महादेव बेटिंग नेटवर्क की फ्रैंचाइज़ी हासिल की, जिसके दौरान उसने देवेंद्र से कई बैंक खाते हासिल किए। बाद में, इन खातों को दुबई स्थित हैंडलर्स को बेच दिया गया। इस साइबर फ्रॉड में शामिल अन्य व्यक्तियों के बारे में भी पुलिस को अहम जानकारी मिली है, जिससे इस घोटाले के और भी तार जुड़ते नजर आ रहे हैं।
700 खातों की डिटेल का खुलासा
देवेन्द्र कुमार यादव और शंकर सुवन शुक्ला को मास्टरमाइंड के रूप में पहचाना गया है, जिन्होंने 700 से अधिक बैंक खातों की जानकारी पुलिस को दी है। इन खातों में से 100 से अधिक खाते पहले ही साइबर क्राइम में शामिल होने के कारण फ्रीज किए जा चुके हैं। गिरोह टेलीग्राम ऐप के जरिए बैंक अकाउंट और सिम कार्ड बेचने में भी सक्रिय पाया गया है।
कौन-कौन थे शामिल?
होटल के मैनेजर बीरेंद्र यादव ने इन अपराधियों को ठिकाना प्रोवाइड करवाया और उनके ठहरने का रजिस्ट्रेशन नहीं कराया, जिससे उनका कनेक्शन भी इस घोटाले से जुड़ गया है। इंडियन बैंक के असिस्टेंट मैनेजर अविनाश को भी बिना उचित जांच पड़ताल के बैंक खाते खोलने के आरोप में फंसाया गया है।
पुलिस की कार्रवाई
जांच के दौरान पुलिस ने आरोपियों से 14 मोबाइल फोन, 37 एटीएम कार्ड, दो लैपटॉप, नौ सिम कार्ड, 14 चेक बुक और अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए हैं। इस गिरफ्तारी ने साइबर क्राइम की गंभीरता को एक बार फिर उजागर किया है।
निष्कर्ष: Cyber Fraud से बचाव के लिए हमें सतर्क रहने की आवश्यकता है। ऐसे धोखेबाजों से सावधान रहें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत संबंधित अधिकारियों को दें। अंकित जैन की गिरफ्तारी ने साबित कर दिया है कि कोई भी अपराधी कानून से बच नहीं सकता।