जयपुर, 2 सितम्बर 2024 — प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राजस्थान सरकार ने स्थानीय स्वायत्त शासन के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। राज्य सरकार ने हाल ही में 2 जिलों की नगर परिषदों को नगर निगम का दर्जा देने की अधिसूचना जारी की है। इसके अलावा, 3 नगर पालिकाओं को नगर परिषद में परिवर्तित किया गया है, और 4 नगर पालिकाओं को क्रमोन्नत किया गया है। साथ ही, 7 ग्राम पंचायतों को नगर पालिका घोषित किया गया है।
भीलवाड़ा और पाली को मिला नगर निगम का दर्जा
स्वायत्त शासन विभाग की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार, भीलवाड़ा और पाली को अब नगर निगम का दर्जा प्राप्त हुआ है। यह निर्णय इन शहरों की बढ़ती जनसंख्या और विकास की जरूरतों को देखते हुए लिया गया है, जिससे इन क्षेत्रों में बेहतर प्रशासनिक और विकासात्मक सेवाएं सुनिश्चित की जा सकें।
नगर पालिकाओं की नए रूप में शुरुआत
राज्य सरकार ने नगर पालिका पुष्कर, नगर पालिका लालसोट, और नगर पालिका शाहपुरा (जयपुर) को नगर परिषद में परिवर्तित करने का निर्णय लिया है। यह कदम इन क्षेत्रों की प्रशासनिक जरूरतों और विकास की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है।
क्रमोन्नति से नई उम्मीदें
राज्य सरकार ने 4 नगर पालिकाओं को क्रमोन्नत करने का भी निर्णय लिया है। इनमें दौसा की महवा, चूरू की तारानगर, सीकर की लोसल, और दौसा की बांदीकुई शामिल हैं। इस क्रमोन्नति से इन नगर पालिकाओं को उच्च स्तर की सुविधाएं और विकास कार्यों में वृद्धि की उम्मीद है।
ग्राम पंचायतों को मिला नगर पालिका का दर्जा
इस अधिसूचना के तहत, 7 ग्राम पंचायतों को नगर पालिका का दर्जा प्राप्त हुआ है। इनमें जोधपुर की ग्राम पंचायत कुड़ी भगतासनी और तिंवरी, जयपुर की ग्राम पंचायत जमवारामगढ़, झुंझुनूं की ग्राम पंचायत डूंडलोद, सुलताना और जाखल, और जालोर की ग्राम पंचायत सायला शामिल हैं। इन ग्राम पंचायतों को नगर पालिका का दर्जा मिलने से उनके प्रशासनिक कार्यों और विकास योजनाओं में सुधार होगा।
यह फैसले स्थानीय प्रशासन को मजबूत करने और नागरिकों को बेहतर सुविधाएं प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं। इन बदलावों से राजस्थान के विभिन्न हिस्सों में विकास की गति को और तेज किया जा सकेगा।