राजस्थान के कई गांव अब शहरों में शामिल हो चुके हैं, लेकिन उन इलाकों की सरकारी जमीनें अभी तक नगर निगम, नगर परिषद या विकास प्राधिकरण के नाम नहीं हुई थीं। इससे इलाके में सड़क, पानी, बिजली जैसी सुविधाएं नहीं बन पा रही थीं। अब सरकार ने आदेश जारी किए हैं कि इन जमीनों को संबंधित शहरी निकायों के नाम दर्ज किया जाए।
भू-रूपांतरण और विकास कार्य होंगे आसान
अब यह भी तय हो गया है कि इन जमीनों का भू-रूपांतरण कौन करेगा। पहले यह स्पष्ट नहीं था, जिससे विकास में रुकावटें आ रही थीं। अब नामांतरण और भू-रूपांतरण दोनों तय हो जाने से निर्माण और सुविधाओं का काम तेजी से होगा।
नगर निकायों की सीमाएं बदली, सुझाव मांगे
सरकार ने जयपुर, जोधपुर और कोटा जैसे बड़े शहरों में नगर निगमों का पुनर्गठन किया है। पहले इन शहरों में दो-दो नगर निगम थे, लेकिन अब उन्हें मिलाकर एक कर दिया गया है। साथ ही, सरकार ने लोगों से सुझाव और आपत्तियां भी मांगी हैं ताकि हर बदलाव सबकी सहमति से हो।