Drone Training Courses Limited Seats

By Suman

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फसलों पर कीटनाशक व उर्वरकों के छिड़काव का किसानों को दिया जाएगा प्रशिक्षण कृषि विभाग 10वीं पास लोगों को दिलाएगा ड्रोन की ट्रेनिंग, प्रशिक्षण शुल्क में मिलेगा अनुदान कृषि विश्वविद्यालय जोबनेर में होगा प्रशिक्षण

Drone Training Courses : संयुक्त निदेशक कृषि रामनिवास पालीवाल ने बताया कि राज्य में हाइटेक कृषि को बढ़ावा देने के लिए 10 वीं पास लोगों को कृषि विभाग की ओर से ड्रोन पायलट की ट्रेनिंग दिलाई जाएगी।

Drone Training Courses

इसमें आयु सीमा 18 से 65 वर्ष रखी गई है। प्रथम चरण में जिले में 10 लोगों को ट्रेनिंग दिलाई जाएगी। जबकि प्रदेश में 500 लोगों को ट्रेनिंग मिलेगी। ट्रेनिंग श्री कर्णं नरेंद्र कृषि विश्वविद्यालय जोबनेर में होगी।

विश्वविद्यालय की ओर से रिमोट पायलट के 6 दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण के लिए 50 हजार रुपए रुपए शुल्क रखा है, लेकिन चयनित लोगों को 9300 रुपए ही देने होंगे। जिसमें 5 हजार रुपए प्रशिक्षण और 4300 रुपए आवास व खाने का शुल्क है। जबकि प्रशिक्षणार्थियों को लिए मिलेगा। निर्धारित शुल्क का 50 प्रतिशत कृषि विभाग और 50 प्रतिशत राशि में से 20 हजार रुपए श्री कर्ण नरेंद्र कृषि विश्वविद्यालय वहन करेगा।

Drone Training चयन प्रक्रिया

आवेदकों को चयन प्रक्रिया पहले आओ पहले पाओ के आधार पर होगी। प्रत्येक जिले से अधिकतम 10 प्रशिक्षणार्थियों को डोन प्रशिक्षण के लिए अनुदान दिया जायेगा।

Drone Training ऐसे कर सकते हैं आवेदन

आवेदक को राज किसान साथी पोर्टल अथवा राज किसान सुविधा एप से ऑनलाइन आवेदन करना होगा। आवेदक को 10वीं और समकक्ष की अंकतालिका स्केन कर अपलोड करनी अनिवार्य होगी। कृषक उत्पादक संगठन, कस्टम हायरिंग केंद्र द्वारा नामित होने की स्थिति में आवेदक को संगठन या केंद्र द्वारा नामित किए जाने का प्रमाण पत्र की प्रति भी स्केन कर अपलोड करनी होगी। प्रशिक्षण के लिए प्राथमिकता प्रदान की जा सके।

ड्रोन तकनीक से सूक्ष्म पोषक तत्वों और तरल उर्वरक पदार्थों का उपयोग आसानी से किया जा सकता है। ड्रोन संचालन के लिए प्रशिक्षित युवाओं का होना आवश्यक है। बेरोजगार युवाओं के लिए ड्रोन प्रशिक्षण एक उपयोगी कार्यक्रम है। यह युवाओं के लिए रोजगार के अवसर भी सृजित करेगा। 

किसी भी जिले से पर्याप्त संख्या में आवेदन नहीं आने की स्थिति में अन्य जिलों से प्राप्त आवेदनों की संख्या के आधार पर जिलेवार प्रशिक्षणार्थियों की संख्या का दोबारा से निर्धारण किया जाएगा। प्रशिक्षण के बाद किसान खेती में नई तकनीक का प्रयोग कर सकेगें जिससे खेती को और भी बहतर तरीक से की जा सकती है।

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