भारतीय राष्ट्रीय ध्वज और उससे जुड़ी नियम : महत्वपूर्ण जानकारी: भारतीय राष्ट्रीय ध्वज हमारे देश की शान और गर्व का प्रतीक है। इसे फहराने और इसके इस्तेमाल से जुड़े नियमों को राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम, 1971 और भारतीय झंडा संहिता, 2002 द्वारा नियंत्रित किया गया है। इस लेख में हम सरल भाषा में भारतीय ध्वज से जुड़े महत्वपूर्ण नियमों, संशोधनों और इसे फहराने के सही तरीके के बारे में जानेंगे।
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राष्ट्रीय ध्वज फहराने से जुड़े महत्वपूर्ण नियम
1. राष्ट्रीय ध्वज का निर्माण और सामग्री
- संशोधन (30 दिसंबर 2021):
अब राष्ट्रीय ध्वज को सूती, पॉलिएस्टर, ऊनी, सिल्क और खादी जैसे कपड़ों से हाथ से कातकर या मशीन द्वारा बनाया जा सकता है। - राष्ट्रीय ध्वज को हाथ से काते गए और हाथ से बने कपड़े से बनाना प्राथमिकता है, लेकिन मशीन से बने झंडे की भी अनुमति है।
2. राष्ट्रीय ध्वज का आकार और अनुपात
- झंडे का आकार हमेशा आयताकार होना चाहिए।
- इसका लंबाई और चौड़ाई का अनुपात 3:2 होगा।
- इसे हमेशा साफ-सुथरा और बिना फटे हुए फहराया जाना चाहिए।
3. दिन और रात में झंडा फहराना (19 जुलाई 2022 का संशोधन)
- भारतीय झंडा संहिता के अनुसार, अब झंडे को दिन और रात दोनों समय फहराने की अनुमति है, बशर्ते यह खुले में या घर पर प्रदर्शित किया जा रहा हो।
- इसे फहराने के दौरान इसका सम्मान और मर्यादा बनाए रखना बेहद जरूरी है।
4. झंडे का अन्य झंडों के साथ प्रदर्शन
- राष्ट्रीय ध्वज को कभी भी किसी अन्य झंडे से ऊंचा, बराबर या ऊपर नहीं लगाया जाना चाहिए।
- इसे एक ही ध्वज-दंड (फ्लैगपोल) पर किसी अन्य झंडे के साथ नहीं फहराया जाना चाहिए।
5. वाहन पर झंडा फहराने के नियम
- केवल राष्ट्रपति, उप-राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यपाल जैसे गणमान्य व्यक्तियों को ही अपने वाहन पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने की अनुमति है।
- आम जनता या अन्य व्यक्तियों को इस नियम का पालन करना अनिवार्य है।
कागज के झंडे के उपयोग से जुड़े नियम
- राष्ट्रीय, सांस्कृतिक और खेलकूद के अवसरों पर जनता कागज के बने झंडे का इस्तेमाल कर सकती है।
- समारोह के समाप्त होने के बाद इन झंडों को न तो विकृत किया जाए और न ही जमीन पर फेंका जाए।
- कागज के झंडों का निपटान उनकी मर्यादा के अनुसार एकांत में किया जाना चाहिए।
राष्ट्रीय ध्वज फहराने के लिए ध्यान रखने योग्य बातें
- फटा या गंदा झंडा न फहराएं।
- झंडे को हमेशा सम्मानजनक और पृथक स्थिति में रखें।
- झंडे को किसी भी अन्य पताका या झंडे के साथ समानांतर या ऊपर न लगाएं।
- झंडे को हमेशा नियमों के अनुसार उतारें और सही तरीके से संभालें।
राष्ट्रीय ध्वज से जुड़े अन्य संशोधन और नियम
- जनता के लिए राष्ट्रीय ध्वज को सभी अवसरों और औपचारिकताओं पर फहराने की अनुमति है।
- झंडे का उपयोग सांस्कृतिक, राष्ट्रीय और शैक्षणिक संस्थानों द्वारा भी किया जा सकता है, बशर्ते इसकी मर्यादा का ध्यान रखा जाए।
अधिक जानकारी के लिए आप राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम, 1971 और भारतीय झंडा संहिता, 2002 के नियम गृह मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट www.mha.gov.in पर देख सकते हैं।