राजस्थान में ‘खाद्य सुरक्षा गिव अप अभियान’: अपात्र लोग खुद हटा रहे हैं नाम

By Suman

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राजस्थान में खाद्य सुरक्षा गिव अप अभियान

NFSA Rajasthan Give-up Abhiyan: राजस्थान सरकार ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के तहत एक विशेष अभियान की शुरुआत की है, जिसे ‘खाद्य सुरक्षा गिव अप अभियान’ नाम दिया गया है। इस अभियान का उद्देश्य उन लोगों को अपनी जिम्मेदारी निभाने की अपील करना है, जो अब इस योजना के पात्र नहीं हैं, ताकि वे स्वेच्छा से अपना नाम खाद्य सुरक्षा सूची से हटा लें।

खाद्य सुरक्षा गिव अप अभियान की रिपोर्ट

राज्य सरकार की रिपोर्ट के अनुसार, अब तक 17 लाख 63 हजार से ज्यादा अपात्र लोगों ने खुद ही खाद्य सुरक्षा योजना से अपना नाम हटवा लिया है। इसके अलावा, जयपुर जिले में भी 1 लाख 44 हजार 583 लोगों ने अपनी स्वीकृति से खुद को योजना से अलग कर लिया है।

इस अभियान के सकारात्मक परिणाम स्वरूप, 20 लाख 80 हजार से अधिक नए पात्र लोगों को योजना में शामिल किया गया है। खासतौर पर जयपुर जिले में 1 लाख 42 हजार 787 नए पात्र नामों को सूची में जोड़ा गया है।

खाद्य सुरक्षा गिव अप अभियान की रिपोर्ट 30 अप्रैल तक का समय

जयपुर जिला रसद अधिकारी श्री त्रिलोकचंद मीणा ने बताया कि जिला कलक्टर डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी के निर्देश पर 491 अपात्र लोगों को नोटिस जारी किए गए हैं। इन लोगों से कहा गया है कि वे 30 अप्रैल तक स्वेच्छा से अपना नाम सूची से हटा लें।

अगर कोई व्यक्ति 30 अप्रैल के बाद भी सूची में बना रहता है, तो उस पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। उसे जो अनाज लिया गया है, वह ब्याज समेत वापस करना होगा। इसका मूल्य 27 रुपये प्रति किलो के हिसाब से वसूला जाएगा।

इसके साथ ही, अगर कोई सरकारी या अर्द्ध सरकारी कर्मचारी योजना का गलत फायदा उठा रहा है, तो उसकी वेतन से कटौती कर पैसे वसूले जाएंगे।

खाद्य सुरक्षा में अपात्र लोग

राज्य सरकार ने अपात्र लोगों की पहचान करने के लिए कुछ महत्वपूर्ण मापदंड तय किए हैं, जिनके आधार पर लोग इस योजना से बाहर किए जा सकते हैं:

  • जो परिवार सरकारी या अर्द्ध सरकारी नौकरी करते हों।
  • जिनकी सालाना आय 1 लाख रुपये से अधिक हो।
  • जो आयकरदाता हों।
  • जिनके पास चार पहिया वाहन हो।